AC Theory Definition In Hindi |
कला (Phase):— कला यह बताता है कि शून्य रेफरेंस (zero referance) के सापेक्ष किसी भी राशि के कार्य करने की दिशा कैसी है। जिस दिशा में वह कार्य कर रही है वही उसका फेज माना जाता है।
जैसे— यदि शून्य से उठकर धनात्मक की ओर जाए तो धनात्मक फेज तथा यदि शून्य से उठकर ऋणात्मक की ओर जाए तो उसे ऋणात्मक फेज कहा जाता है।
कला में (In Phase):— इन फेज का अर्थ होता है "एक साथ एक कला में" एक पूरे चक्कर के दौरान अपने अंतिम मान पर जब दो राशियां साथ-साथ पहुंचती है तो वे इन फेज राशिया कहलाती है।
यहां दो राशियों के साथ तुलना करवाया जाता है।
जैसे यहां वोल्टेज तथा धारा एक साथ गंतव्य तक पहुंच रही हैं।
लैगिंग (Lagging):— जो राशि अपने अंतिम मान पर बाद में पहुंचती है उसे पश्चगामी अर्थात लेगिंग कहते हैं।
लीडिंग (Leading):— जो राशि अपने अंतिम मान पर पहले पहुंचती है उसे अग्रगामी अर्थात लीडिंग कहते हैं।
आउट टू फेज (Out To Phase):— आउट टू फेज मे राशियां आगे पीछे चल रही हो, लेकिन उनके बीच में कोण 0 डिग्री, 90 डिग्री, 180 डिग्री न हो तो उसे आउट टू फेज कहते है।
- यह परिपथ का पावर फैक्टर निर्धारित करता है कि पावर फैक्टर लीडिंग होगा या लैगिंग होगा।
समकोणीय (Quadrature):— जब दो राशियों के बीच अन्तर 90 डिग्री का हो तो, उसे समकोणीय कहते है।
एंटीफेज (Antiphase):— जब राशियों में फेज अन्तर 180 डिग्री का हो तो उसे एंटीफेज कहते हैं।
- 0°= इन फेज (in phase)
- 90°= क्वाड्रेचर/समकोणीय (quadrature)
- 180°= एंटीफेज (antiphase)
इसके अलावा जो भी बीच का कोण होगा उसे आउट ऑफ फेज (out of phase) कहते हैं।
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एसी थ्योरी डिफिनिशन इन हिंदी (AC Theory Definition In Hindi):— इस आर्टिकल में एसी थ्योरी से संबंधित कुछ परिभाषा के बारे में बताया गया जैसे की लैगिंग, लीडिंग और कला इत्यादि। इलेक्ट्रिक टॉपिक ब्लॉग पर इसी तरह के इलेक्ट्रिकल और इलैक्ट्रानिक्स से संबंधित नोट्स व पिछले भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न–उत्तर उपलब्ध करवाए जाते है इसलिए इलेक्ट्रिक टॉपिक ब्लॉग को जरूर फॉलो करे और दोस्तो के साथ शेयर करें।
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